कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी बृहस्पतिवार को जब केरल के वायनाड में अपना पर्चा दाख़िल करने पहुँचे तो उनकी रैली में इंडियन यूनियन मुसलिम लीग (आईयूएमएल) के हरे रंग के झंडे भी लहरा रहे थे। इसे लेकर ख़ासा विवाद शुरू हो गया है। ख़ास तौर पर बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है।
मुसलिम लीग के ‘वायरस’ के बहाने ध्रुवीकरण की कोशिश में बीजेपी
- चुनाव 2019
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- 5 Apr, 2019
चुनाव को बेरोज़गारी, किसानों की ख़राब हालत जैसे अहम मुद्दों से हटाकर राष्ट्रवाद, देशप्रेम, पाकिस्तान विरोध और हिंदू-मुसलमान पर केंद्रित करने की कोशिश की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट कर मुसलिम लीग को वायरस बताया है। बता दें कि इसलामी झंडे का रंग हरा होता है। बस, इसी को लेकर सोशल मीडिया से लेकर चुनावी सभाओं तक में बीजेपी नेताओं ने इसे हिंदू-मुसलमान का रंग देने की कोशिश की। सवाल यह है कि ठीक लोकसभा चुनाव के मौक़े पर आख़िर हर बात को हिंदू-मुसलमान का रंग देने की कोशिश क्यों हो रही है।