प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में राहुल गाँधी और अहमद पटेल के नाम लिए जाने को चुनावी मुद्दा बना दिया। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि हेलीकॉप्टर सौदे में इन कांग्रेस नेताओं के नाम हैं। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस तरह उनकी सरकार संयुक्त अरब अमीरात से क्रिश्चियन मिशेल को भारत ले आई, उससे पूछताछ की गई और कांग्रेस नेताओं के नाम सामने आए।
मोदी ने कहा, 'मैंने ख़बर देखी है कि हेलीकॉप्टर सौदे में जिन लोगों ने घूस माँगी थी, उनमें एक 'एपी' और दूसरे 'एफ़एएम' हैं। इसी चार्जशीट में कहा गया है कि 'एपी' का मतलब अहमद पटेल है और 'एफएम' का मतलब है फ़ैमिली। अब आप ही बताइए कि अहमद पटेल किस परिवार के नज़दीक हैं।'
प्रवर्तन निदेशालय यानी एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट ने दिल्ली की एक अदालत में हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़े मामले में एक चार्जशीट दाखिल की है। उस चार्जशीट में ये बातें भी कही गई हैं। दूसरी ओर, पटेल ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि राजनीतिक भावना से प्रेरित मामला है। उन्होंने कहा, 'यह बेहद हास्यास्पद और बेबुनियाद आरोप है। यह महज जुमला है।'
दूसरी ओर, ईडी ने अदालत को दिए पूरक चार्जशीट में कहा है कि बजट शीट में मिशेल ने एपी की पहचान अहमद पटेल के रूप में की है। बजट शीट में पूरे खर्च का ब्योरा होता है।
प्रधानमंत्री पहले भी कई बार क्रिश्चियन मिशेल को 'मिशेल मामा' कह कर राहुल गाँधी और कांग्रेस पह हमले कर चुके हैं। अब जबकि चार्जशीट में पटेल का नाम डाला गया है और मामला अदालत में है, यह मामला गंभीर है। यह मामला अधिक गंभीर इसलिए भी है कि चुनाव के ठीक पहले यह सब हो रहा है। मोदी और बीजेपी ने गाँधी परिवार को निशाने पर इसलिए भी लिया है कि इसके ज़रिए वह उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा सकेंगे। ऐसा होने पर रफ़ाल से लोगों का ध्यान हटेगा। इसके बीजेपी रफ़ाल का जवाब अगस्तावेस्टलैंड से दे सकेगी। ज़ाहिर है, इसके राजनीतिक मायने हैं।
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