केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को घोषणा की कि आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित गणना शामिल की जाएगी। इस फैसले से बीजेपी और इसका वैचारिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सीधा जुड़ा है। बीजेपी और आरएसएस नेताओं के रुख और बयान जाति जनगणना पर समय के साथ बदलते रहे हैं।