पहलगाम हमले को लेकर कांग्रेस अपने ही नेताओं के विवादास्पद बयानों की आग में घिर गई है। सिद्धारमैया, विजय वडेट्टीवार, सैफुद्दीन सोज और मणिशंकर अय्यर जैसे दिग्गजों के बयानों ने बीजेपी को मौक़ा दे दिया। इसने कांग्रेस पर 'पाकिस्तान परस्ती' और 'आतंकियों को क्लीन चिट' देने का इल्ज़ाम जड़ दिया। पाकिस्तानी चैनलों पर इन बयानों की गूंज और बीजेपी की आक्रामक सियासत ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला खड़ा किया। आलाकमान ने तुरंत सख़्ती बरतते हुए नेताओं को चुप रहने को कहा है और पार्टी ने अपने नेताओं के छिटपुट बयानों से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस इस सियासी आंधी से निकल पाएगी, या यह विवाद उसकी राष्ट्रीय छवि को और धक्का पहुंचाएगा?
कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया से ही इसको लेकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले पर सर्वदलीय बैठक में पार्टी का रुख साफ़ कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था। जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में भी पार्टी की स्थिति साफ़ की।