क्या चुनावी भाषणों में भाषा की मर्यादा ख़त्म हो गयी है? वोट के लिए दलों में ऊँचे-ऊँचे पदों पर बैठे राजनेता गालियों और अपशब्दों का इस्तेमाल क्या इसलिए कर रहे हैं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया है? एक के बाद एक अलग-अलग नेताओं के विवादित बयानों और अमर्यादित भाषा से तो ऐसा ही लगता है। ताज़ा मामला हिमाचल प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती का है। सत्ती का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते नज़र आ रहे हैं। सत्ती पहले ऐसा नेता नहीं हैं जिन्होंने भाषा की मर्यादा पार की है। हाल के दिनों में आज़म ख़ान, योगी आदित्यनाथ, मेनका गाँधी, मायावती भी कुछ न कुछ विवादित बयान देते रहे हैं। योगी और मायावती के ख़िलाफ़ तो कार्रवाई कर चुनाव आयोग ने कुछ समय के लिए उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है।
क्या अमर्यादित भाषणों से लड़ा जाएगा पूरा लोकसभा चुनाव?
- चुनाव 2019
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- 15 Apr, 2019

क्या चुनावी भाषणों में भाषा की मर्यादा ख़त्म हो गयी है? एक के बाद एक नेता वोट के लिए राजनेता गालियों और अपशब्दों का इस्तेमाल क्या इसलिए कर रहे हैं कि उन्होंने कोई काम नहीं किया है?