1. यदि अब चुनाव धन-बल, 'मशीन' और मीडिया के बल पर लड़ा जाता है तो मोदी की टीम काफ़ी आगे है : भारत के चुनाव के इतिहास में मीडिया का ऐसा एक तरफ़ा नैरेटिव पहले कभी नहीं रहा है। सत्तारूढ़ बीजेपी के पास चुनावी लड़ाई के लिए स्रोत-सामग्री बहुत ज़्यादा है और विभिन्न स्तरों पर मतदाताओं से जुड़ाव का उसका तरीक़ा काफ़ी उम्दा है।