1. यदि अब चुनाव धन-बल, 'मशीन' और मीडिया के बल पर लड़ा जाता है तो मोदी की टीम काफ़ी आगे है : भारत के चुनाव के इतिहास में मीडिया का ऐसा एक तरफ़ा नैरेटिव पहले कभी नहीं रहा है। सत्तारूढ़ बीजेपी के पास चुनावी लड़ाई के लिए स्रोत-सामग्री बहुत ज़्यादा है और विभिन्न स्तरों पर मतदाताओं से जुड़ाव का उसका तरीक़ा काफ़ी उम्दा है।
राजदीप ने गिनाए दस कारण, जिनसे मोदी चुनाव में आगे लगते हैं
- चुनाव 2019
- |
- |
- 12 Mar, 2019

2019 चुनाव के लिए चुनाव आयोग के बिगुल फूँकते ही चुनावी महायुद्ध शुरू हो गया है। चुनाव एक मैराथन दौड़ तो है ही, यह एक ऐसी बाधा दौड़ भी है जिसकी राह में अवरोध हैं और अचानक छलाँग लगाने की ज़रूरत होती है। ऐसी कठिन दौड़ की शुरुआत में कोई भी अटकल लगाना ख़तरे से खाली नहीं है। फिर भी, मैं वे दस कारण बताना चाहूँगा कि क्यों मुझे लगता है कि इस दौड़ में फ़िलहाल नरेंद्र मोदी काफ़ी आगे हैं।
- जहाँ बीजेपी का रुतबा चमकती फ़रारी कार की तरह है वहीं कांग्रेस पुराने जमाने की अंबेसडर की सेकंड-हैंड गाड़ी जैसी दिखती है (राजनीतिक गलियारे में तो चुटकुला है कि कांग्रेस अमीर लोगों की एक 'ग़रीब' पार्टी है!)। आश्चर्य की बात नहीं कि बीजेपी ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाने के लिए स्रोत का जुगाड़ करने में अपने विरोधियों को कई बार पछाड़ा है और आगे भी पछाड़ते रहे।
देश के शीर्ष पत्रकारों और टेलीविज़न ऐंकरों में एक राजदीप सरदेसाई ने कई किताबें भी लिखी हैं। कई टेलीविज़न चैनलों में बेहद महत्वपूर्ण भमिका निभाने वाले सरदेसाई समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।