loader

'टाइम्स नाउ' सर्वे: केरल में वापसी कर सकता है एलडीएफ़, बीजेपी को 1 सीट

140 विधानसभा सीटों वाले केरल में इस बार फिर से वाम दलों के गठबंधन लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ़) की सरकार बन सकती है, ऐसा टाइम्स नाउ सी वोटर का सर्वे बता रहा है। सर्वे के मुताबिक़, एलडीएफ़ को 82, कांग्रेस की अगुवाई वाले लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ़) को 56 सीटें मिल सकती हैं जबकि पूरा जोर लगाने के बाद भी बीजेपी को सिर्फ़ 1 सीट मिलने की बात कही गई है। 

Times now survey for kerala election 2021 - Satya Hindi

सर्वे कहता है कि एलडीएफ़ को 78-86, यूडीएफ़ को 52-60, बीजेपी को 0-2 और अन्य को भी 0-2 सीट मिल सकती हैं। 

केरल में 6 अप्रैल को एक चरण में वोटिंग होगी जबकि 2 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। केरल में अल्पसंख्यकों की आबादी 46 फ़ीसदी है। इसमें 27 फ़ीसदी मुसलमान और 19 फ़ीसदी ईसाई हैं। 

ताज़ा ख़बरें
सर्वे के मुताबिक़, एलडीएफ़ का वोट शेयर 2016 के मुक़ाबले 0.6 फ़ीसदी गिर सकता है। 2016 में यह 43.5 फ़ीसदी था जबकि 2021 में उसे 42.9 फ़ीसदी वोट मिल सकते हैं। यूडीएफ़ को 2016 में 38.8 फ़ीसदी वोट मिले थे जबकि इस बार 37.6 फ़ीसदी वोट मिलने का अनुमान है। 
मुख्यमंत्री पद के सर्वाधिक लोकप्रिय नेताओं में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन शीर्ष पर हैं। सर्वे कहता है कि 55.84 फ़ीसदी लोगों ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के रूप में अपनी पसंद बताया जबकि 31.95 फ़ीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी को।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं और उन्होंने केरल में अपने गठबंधन की जीत के लिए जोर लगाया हुआ है। लेकिन उन्हें सफलता मिलती नहीं दिख रही है जबकि एलडीएफ़ एक बार फिर वापसी करता दिख रहा है। 
केरल से और ख़बरें

बीजेपी को ‘मेट्रो मैन’ से आस

बीजेपी को देश भर में मेट्रो सेवा को बेहतर बनाने के लिए ‘मेट्रो मैन’ के नाम से पहचाने जाने वाले ई. श्रीधरन से आस है कि वह उसे कुछ वोट दिलाएंगे। इसके अलावा वह सोशल इंजीनियरिंग में भी जुटी है। केरल में हिंदू मतदाताओं के बीच आधार बढ़ाने में जुटी बीजेपी को ईसाई मतदाताओं का भी साथ चाहिए। इसके पीछे वजह राज्य में ईसाई समुदाय की बड़ी आबादी का होना है। बीजेपी राज्य में ऐसी सोशल इंजीनियरिंग बना रही है, जिसमें हिंदू व ईसाई- दोनों समुदायों के मतदाताओं के वोट उसे मिलें। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

केरल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें