क्या केरल सरकार अपनी नीतियों, सिद्धांतों और विचारधारा से पीछे हट रही है? क्या मार्क्सवादियों की यह सरकार भगवान अयप्पा का भक्त बन गई है या वह स्थानीय राजनीति के दबाव में समझौतावादी नीति अख़्तियार कर रही है। राज्य के सबरीमला स्थित अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सरकार ने जो रवैया अपनाया है, उससे तो यही लगता है कि ये सवाल बेजा नहीं हैं।