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हेमंत सोरेन
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युवाओं को और आकर्षित करने के लिए वाम मोर्चा की नयी रणनीति कामयाब होती दिख रही है। नयी रणनीति के तहत वाम मोर्चा ने पिछले दिनों हुए स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान टिकट बँटवारे में युवाओं को काफ़ी तव्वजो दी थी। इसका नतीजा भी अच्छा रहा। ज़्यादातर वामपंथी युवा चुनाव जीतकर जनप्रतिनिधि बन गये। इन नतीजों से उत्साहित वाम मोर्चा ने स्थानीय निकायों में युवाओं को बड़ी ज़िम्मेदारियाँ सौंपने का फ़ैसला किया है।
इसी फ़ैसले के तहत 21 साल की युवा मार्क्सवादी कार्यकर्ता आर्या राजेंद्रन तिरुवनन्तपुरम शहर की नयी मेयर होंगी। सीपीआईएम की ज़िला इकाई ने आर्या राजेंद्रन के नाम की सिफ़ारिश प्रदेश इकाई से की है।
सूत्रों की मानें तो सीपीएम ने आर्या राजेंद्रन की तरह ही अन्य युवा वामपंथी नेताओं, कार्यकर्ताओं को ग्राम, तहसील और ज़िला स्तर की पंचायतों में बड़े पद देने का फ़ैसला कर लिया है। हाल ही में सम्पन्न स्थानीय निकाय चुनाव में वाम मोर्चा ने शानदार जीत दर्ज की और गाँव से ज़िला स्तर तक ज़्यादातर पंचायतों पर लाल परचम फहराया।
बीजेपी भी हिन्दू युवाओं को अपनी ओर खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पिछले कुछ सालों से एबीवीपी, बजरंज दल जैसे संगठनों ने युवाओं के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये हैं।
विपक्षी पार्टियों की इन्हीं कोशिशों को नाकाम करने के मक़सद से वाम मोर्चा ने स्थानीय निकाय चुनावों का पूरा फ़ायदा उठाया और अपने युवा कार्यकर्ताओं को चुनाव मैदान में उतारा। सभी वामपंथी पार्टियों ने कई युवतियों को भी अपना उम्मीदवार बनाया।
चुनाव में इन युवा वामपंथियों ने अनुभवी कांग्रेसी नेताओं को जबरदस्त पटकनी दी। इसी जीत से उत्साहित वाम मोर्चा ने जीत के लिए युवाओं को तोहफे के रूप में बड़े पद देने की क़वायद शुरू की है।
कई वामपंथी युवा सरपंच चुने गये हैं। कई ब्लॉक पंचायत के अध्यक्ष बने हैं। मार्क्सवादी आर्या राजेंद्रन देशभर में किसी शहर की सबसे युवा मेयर होने जा रही हैं। आर्या की डिग्री की पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई है। वे राजधानी तिरुवनन्तपुरम के ऑल सेंट्स कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं। वे सीपीएम के विद्यार्थी विभाग यानी एसएफ़आई की राज्य समिति की सदस्य हैं। वे पार्टी द्वारा बच्चों के लिए चलाई जाने वाली संस्था 'बालसंगम' का नेतृत्व भी कर रही हैं।
आर्या एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और उनके पिता के. एम. राजेंद्रन एलआईसी एजेंट हैं। माँ गृहिणी हैं और बड़ा भाई इंजीनियर है और विदेश में नौकरी कर रहा है। आर्या को मेयर बनाकर वाम मोर्चा यह संदेश भी देना चाहता है कि वह हमेशा ग़रीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के साथ है।
पार्टी युवाओं और विद्यार्थियों को साथ लेकर चलती है। ग़ौर करने वाली बात है कि वाम मोर्चा ने किसान, मज़दूर, कर्मचारी वर्ग के परिवार से आने वाले युवाओं को बड़ी संख्या में पंचायत चुनावों के दौरान उम्मीदवार बनाया। इन्हीं में से जीते हुए उम्मीदवार अब अलग-अलग पंचायतों में बड़े पद संभालेंगे और पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
75 साल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और अन्य वामपंथी नेताओं को भरोसा है कि इन युवाओं के साथ-साथ उनके परिवारवाले भी अगले विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे का साथ देंगे।
वाम मोर्चा ने मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में कम से कम 30 फ़ीसदी सीटें 45 साल से कम उम्र वाले नेताओं को देने का मन बना लिया है।
केरल के 75 साल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और अन्य वामपंथी नेताओं को भरोसा है कि इन युवाओं के साथ-साथ उनके परिवारवाले भी अगले विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे का साथ देंगे।
याद रहे कि सीपीएआईम के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालकृष्णन के बेटे बिनीश की ड्रग तस्करी मामले में गिरफ़्तारी से वाम मोर्चा की काफी किरकिरी हुई थी। बालकृष्णन को अपने पद से हटने पर मजबूर होना पड़ा था।
इतना ही नहीं, अरब देशों से सोने की तस्करी और कथित तौर पर ग़ैर-कानूनी तरीके से कुरान की प्रतियाँ लाकर उन्हें मुफ्त में बाँटने को लेकर भी विपक्षी पार्टियों ने वामपंथियों पर तीखे हमले बोले थे। इन हमलों के जवाब में वामपंथी पार्टियों ने युवाओं को मैदान में उतारकर बाज़ी मार ली।
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