केरल में विधानसभा चुनाव होने तक वामपंथी पार्टियों और कांग्रेस के बीच किसी भी स्तर पर ‘दोस्ती’ नहीं रहेगी और दोनों एक-दूसरे के राजनीतिक विरोधी की तरह बर्ताव करेंगे। अगले साल मई माह में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी वामपंथी मोर्चा को मुख्य चुनौती कांग्रेस से ही मिलने वाली है।