आने वाले कुछ महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें केरल भी शामिल है। हिंदू मतदाताओं को अपना आधार मानने वाली बीजेपी को केरल में हिंदू के साथ ही ईसाई मतदाताओं का भी साथ चाहिए। इसके पीछे वजह राज्य में ईसाई समुदाय की बड़ी आबादी का होना है। बीजेपी राज्य में ऐसी सोशल इंजीनियरिंग बना रही है, जिसमें हिंदू व ईसाई- दोनों समुदायों के मतदाताओं के वोट उसे मिलें।
केरल: ईसाईयों तक पहुंच बढ़ा रही बीजेपी, सरकार बनाना लक्ष्य
- केरल
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- 15 Dec, 2020
बीजेपी जानती है कि केरल में अगर उसे अगर सत्ता तक पहुंचना है तो सिर्फ़ हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण से काम नहीं चलेगा।

केरल में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 46 फ़ीसदी है। इसमें 27 फ़ीसदी मुसलमान और 19 फ़ीसदी ईसाई हैं। बीजेपी जानती है कि केरल में अगर उसे अगर सत्ता तक पहुंचना है तो सिर्फ़ हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण से काम नहीं चलेगा। क्योंकि हिंदू मतों का बड़ा हिस्सा लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ़) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ़) के बीच बंट जाता है। ऐसे में बीजेपी को ईसाई समुदाय से सियासी मदद मिलने की आस है।