जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करते समय केंद्र सरकार ने तर्क दिया था कि इससे आतंकवाद का ख़ात्मा हो जाएगा। इस बेबुनियाद तर्क का विरोध उस समय भी हुआ था। लेकिन हाल की आतंकवादी वारदात ने साबित कर दिया है कि घाटी में आतंकवाद ख़त्म तो नहीं ही हुआ है, कई गुट एकजुट हो गए हैं।