5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कश्मीर में सब कुछ बदल गया है। अवाम लगभग बेरोज़गार होकर घरों में क़ैद होने को मजबूर हैं। घाटी के प्रमुख सियासतदान, जिनमें 3 पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं, भी सरकारी क़ैद में हैं। इसके अतिरिक्त सैकड़ों लोग जम्मू कश्मीर के बंदीगृहों, स्थायी-अस्थायी जेलों के साथ-साथ देश की विभिन्न जेलों और जेल सरीखी अन्य जगहों में बंद हैं। इस बाबत सरकारी-ग़ैर सरकारी आंकड़े और दावे एकदम अलग-अलग हैं।