अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से कश्मीर के हालात को लेकर सभी लोग चिंतित हैं। क्योंकि वहाँ कर्फ्यू लगे लगभग तीन हफ़्ते हो चुके हैं, ऐसे में घाटी में रोजमर्रा की चीजों को लेकर किस क़दर किल्लत होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे हालात में जब कर्फ्यू लगा हो, बाज़ार लगभग पूरी तरह बंद हों, किसी के घर में कोई बीमार हो जाये और दवाइयों की ज़रूरत हो तो वह शख़्स क्या करेगा। वह अपनी हिम्मत के हिसाब से हाथ-पैर मारेगा और पूछेगा कि सरकार के फ़ैसले की सजा आम आदमी को क्यों दी जा रही है। ऐसा ही कुछ हुआ कश्मीर में, जहाँ के साजिद अली को डायबिटीज से पीड़ित अपनी बीमार माँ के लिए दवाइयों की ज़रूरत थी।
कश्मीर: दवाएँ न मिलने से इलाज कराना बेहद मुश्किल
- जम्मू-कश्मीर
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- 25 Aug, 2019
5 अगस्त के बाद से ही घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ है, ऐसे में घाटी में रोजमर्रा की चीजों को लेकर किस क़दर किल्लत होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
