कोरोना महामारी के बीच आर्थिक मोर्चे पर संकट का सामना कर रही मोदी सरकार के सामने अब महँगाई बेकाबू होने का संकट है। मई में थोक महंगाई दर रिकॉर्ड 12.94 फ़ीसदी पर पहुँच गई है। इसका साफ़ मतलब यह है कि थोक में सामान महंगा होने पर ख़ुदरा में लोगों पर इसका बोझ पड़ेगा और सामान खरीदना आम लोगों के लिए पहुँच से बाहर होता जाएगा। इसका खामियाजा आख़िरकार राजनीतिक तौर पर मोदी सरकार को भी भुगतना पड़ेगा।
मोदी सरकार को बड़ा झटका, थोक महंगाई दर रिकॉर्ड 12.94% पर
- अर्थतंत्र
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- 14 Jun, 2021
आर्थिक मोर्चे पर संकट का सामना कर रही मोदी सरकार के सामने अब महँगाई बेकाबू होने का संकट है। मई में थोक महंगाई दर रिकॉर्ड 12.94 फ़ीसदी पर पहुँच गई है।

थोक महंगाई बढ़ने का कारण मुख्य तौर पर कच्चे तेल और निर्मित सामानों के दाम में बढ़ोतरी है। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 में पिछले साल मई के मुक़ाबले बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई। यह दर मई 2020 में ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी।'