शेयर बाज़ार ने निवेशकों को हिला कर रख दिया है। गिरावट का दौर ऐसा है कि जाता ही नहीं है। पिछले चार महीने में शेयर बाज़ार क़रीब 12 फ़ीसदी क्रैश हुआ है। इसका ऐसा कोई भी सेगमेंट नहीं है जहाँ भूचाल नहीं आया हुआ है। यहाँ तक कि म्यूचुअल फंड के निवेशकों को भी इन महीनों में तगड़ा झटका लगा है। तो सवाल है कि क्या है मार्केट में करेक्शन आया है? क्या शेयर बाज़ार का जो बुलबुला फुला हुआ था वह फुटा है या फिर देश की अर्थव्यवस्था की हालत ही ऐसी है कि निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है?