शेयर बाज़ार ने निवेशकों को हिला कर रख दिया है। गिरावट का दौर ऐसा है कि जाता ही नहीं है। पिछले चार महीने में शेयर बाज़ार क़रीब 12 फ़ीसदी क्रैश हुआ है। इसका ऐसा कोई भी सेगमेंट नहीं है जहाँ भूचाल नहीं आया हुआ है। यहाँ तक कि म्यूचुअल फंड के निवेशकों को भी इन महीनों में तगड़ा झटका लगा है। तो सवाल है कि क्या है मार्केट में करेक्शन आया है? क्या शेयर बाज़ार का जो बुलबुला फुला हुआ था वह फुटा है या फिर देश की अर्थव्यवस्था की हालत ही ऐसी है कि निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है?
शेयर बाज़ार में 4 महीने से हाहाकार क्यों? जानें बाज़ार की हालत
- अर्थतंत्र
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- 24 Jan, 2025
भारतीय शेयर बाज़ार में ख़ूनख़राबा क्यों हो रहा है? आख़िर विदेशी निवेशक एफ़डीआई क्यों निकाल रहे हैं और देश के निवेशक विदेशों में पैसा लगा रहे हैं? भारत की अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं है?

शेयर बाज़ार की ऐसी स्थिति के पीछे बड़ी वजहें क्या है और आगे कैसे हालात रहेंगे, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर बाज़ार की स्थिति क्या है? गुरुवार को सेंसेक्स 76000 से ज़्यादा के अंक पर है, लेकिन एक दिन पहले ही यह 76000 से नीचे तक पहुँच गया था। यही सेंसेक्स सितंबर महीने में 86 हज़ार के क़रीब पहुँच गया था। पिछले साल 27 सितंबर को सेंसेक्स 85,978.84 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया था। लेकिन इसके बाद से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है।