loader
पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा

एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और सीईओ पर सेबी की पाबंदी

एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और ज़ी एंटरटेनमेंट लिमिटेड के सीईओ पुनीत गोयनका पर सेबी ने पाबंदी लगा दी है। यह दोनों अब किसी कंपनी में डायरेक्टर या मैनेजमेंट के किसी पद पर नहीं रह सकते हैं। सेबी ने इन दोनों पर लिस्टेड कंपनी से फंड निकालकर खुद के लिए इस्तेमाल करने के आरोप में यह कार्रवाई की है। सेबी का यह अंतरिम आदेश है। सुभाष चंद्रा दो बार भाजपा के समर्थन से राज्यसभा चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार जीते और दूसरी बार हार गए थे।

अपने अंतरिम आदेश में, सेबी ने कहा कि चंद्रा और गोयनका ने सहयोगी संस्थाओं के लाभ के लिए जी लिमिटेड (ZEEL) और Essel Group की अन्य सूचीबद्ध कंपनियों की संपत्ति को अलग कर दिया, जो उनके स्वामित्व और नियंत्रण में हैं। 
सेबी ने कहा कि फंड में हेराफेरी एक सुनियोजित योजना लगती है, क्योंकि कुछ मामलों में, केवल दो दिनों की छोटी अवधि के भीतर 13 संस्थाओं की आड़ में लेनदेन की लेयरिंग शामिल है।

ताजा ख़बरें
सेबी ने नोट किया कि वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2022-23 की अवधि के दौरान ZEEL का शेयर मूल्य ₹ 600 प्रति शेयर के उच्च स्तर से घटकर ₹ 200 प्रति शेयर से कम हो गया। कंपनी के इतने लाभदायक होने और लगातार टैक्स देने के बाद लाभ पैदा करने के बावजूद संपत्ति का यह नुकसान यह बता रहा है कि "कंपनी के साथ सब ठीक नहीं था।"

इस दौरान प्रमोटर की शेयरहोल्डिंग 41.62 फीसदी से घटकर 3.99 फीसदी के मौजूदा स्तर पर आ गई। हालांकि प्रमोटर परिवार के पास ZEEL में केवल 3.99 प्रतिशत शेयर हैं, चंद्रा और गोयनका ZEEL के मामलों के शीर्ष पर बने हुए हैं, आदेश में उल्लेख किया गया है। 
सेबी ने आदेश में कहा कि चंद्रा और गोयनका ने निवेशकों के साथ-साथ मार्केट रेगुलेटर (सेबी) को भी गलत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए नकली प्रविष्टियों के माध्यम से बहाना बनाया कि पैसा सहयोगी संस्थाओं द्वारा वापस कर दिया गया था, जबकि वास्तव में, यह ZEEL का अपना फंड था जिसे अंत में समाप्त करने के लिए कई परतों के माध्यम से घुमाया गया था।
नवंबर 2019 में ZEEL के दो स्वतंत्र निदेशकों - सुनील कुमार और निहारिका वोहरा के इस्तीफे के मद्देनजर सेबी ने इस मामले की पड़ताल की थी, उसके बाद यह आदेश आया। 
अर्थतंत्र से और खबरें
इस्तीफा देने वाले स्वतंत्र निदेशकों ने कई मुद्दों पर चिंता जताई थी, जिसमें एस्सेल समूह की संबंधित संस्थाओं के कर्जों को चुकाने के लिए यस बैंक द्वारा ZEEL की कुछ निश्चित सावधि जमा (FD) का विनियोग शामिल है। निहारिका वोहरा ने आरोप लगाया कि बोर्ड से अनुमोदन के बिना एक सहायक कंपनी को बैंक गारंटी दी गई थी।

सेबी की जांच में पाया गया कि सुभाष चंद्रा ने सितंबर 2018 में "लेटर ऑफ कम्फर्ट" या एलओसी प्रदान किया था, जो एस्सेल ग्रुप मोबिलिटी से बकाया 200 करोड़ रुपये के ऋण के लिए था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

अर्थतंत्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें