भारतीय रिज़र्व बैंक ने ताज़ा अनुमान के बाद कहा है कि भारत में इतिहास में पहली बार तकनीकी रूप से आर्थिक मंदी आ गई है। अब तक रिपोर्टों में आर्थिक मंदी की बात तो की जाती रही है, लेकिन अब इसे तकनीकी तौर पर भी माना गया है। यह इसलिए कि आर्थिक मंदी से उबरने की आस लगाए बैठी भारत की अर्थव्यवस्था के जुलाई-सितंबर महीने में भी सिकुड़ने के आसार हैं। इससे पहले की तिमाही में भी यह सिकुड़ी थी। जब लगातार दो तिमाही में अर्थव्यवस्था सिकुड़ती है यानी विकास दर नेगेटिव रहती है तो तकनीकी तौर पर आर्थिक मंदी कहा जाने लगता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट- भारत में ऐतिहासिक आर्थिक मंदी
- अर्थतंत्र
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- 21 Nov, 2020
आरबीआई का अनुमान है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी में 8.6 फ़ीसदी की सिकुड़न आएगी। अब तकनीकी तौर पर भी कहा जा सकता है कि भारत में आर्थिक मंदी आ गई है।

अर्थव्यवस्था या जीडीपी में सिकुड़न का अर्थ है कि विकास दर नेगेटिव में रहेगी। यानी जो पहले से स्थिति है उसमें बढ़ोतरी तो नहीं ही होगी, बल्कि वर्तमान स्थिति में गिरावट आएगी। यानी आसान भाषा में इसे विकास का पहिया उल्टा घूमना भी कहा जा सकता है।