भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट यानी जिस ब्याज दर पर वह बैंकों को पैसे देता है, उसमें कटौती करने का एलान किया है। केंद्रीय बैंक की मुद्रा नीति समिति ने 25 बेसिस अंकों की कटौती करते हुए रेपो रेट को 6 प्रतिश से घटा कर 5.75 प्रतिशत कर दिया। जुलाई 2010 के बाद से अब तक यह न्यूनतम रेपो रेट है। इससे बैंंकों को कम ब्याज पर पैसे मिलेंगे, वे यदि इससे प्रभावित होकर अपने ब्याज दरों में कटौती करें तो कॉरपोरेट जगत और आम जनता को सस्ते में कर्ज़ मिलेगा। इससे आम जनता की मासिक किस्त यानी ईएमआई कम हो सकती है।