सब कुछ बदल रहा है धीरे-धीरे। समाचारों की दुनिया भी ठंडी हो रही है। एक वक़्त था जब राज्यसभा चैनल देखने की लालसा रहती थी। लेकिन जब से अंसारी साहब गये और वेंकैया नायडू आये, हरे सावन में जैसे पतझड़ चला आया। लगा सब बर्बाद! अब राज्यसभा चैनल में क्या रखा है। जैसे अचानक किसी के तेवर बदल जाते हैं वैसे ही आजकल अपने प्रिय चैनलों और कार्यक्रमों में देखने को मिल रहा है। जैसे हर कोई पूछ रहा हो कब तक और वही ख़ुद से जवाब दे रहा हो, देखते हैं कब तक। तब तक खींचो, सावधानी से खींचो। लोग एनडीटीवी का प्राइम टाइम रवीश के लिए खोलते हैं। निराश होते हैं। देखते हैं तो देखते हैं वरना चैनल बदल लेते हैं।
समाचार की दुनिया: धीरे-धीरे बदल रहा है सब कुछ...
- मीडिया
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- 6 Jun, 2019
सब कुछ बदल रहा है धीरे-धीरे। समाचारों की दुनिया भी ठंडी हो रही है। एक वक़्त था जब राज्यसभा चैनल देखने की लालसा रहती थी। लेकिन जब से अंसारी साहब गये और वेंकैया नायडू आये, हरे सावन में जैसे पतझड़ चला आया। लगा सब बर्बाद!
