ऐसे समय जब पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं और केंद्र व राज्य सरकारों की कमाई का ज़रिया बन चुकी हैं, सवाल यह उठता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका दूरगामी असर क्या पड़ेगा। क्या यह कोरोना और लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था के लिए अड़चनें पैदा करेंगी? क्या बढ़े ईंधन मूल्यों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकलने में ज़्यादा समय लगेगा?
पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ी कीमतों का बुरा असर होगा अर्थव्यवस्था पर?
- अर्थतंत्र
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- 4 Mar, 2021
ऐसे समय जब पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं और केंद्र व राज्य सरकारों की कमाई का ज़रिया बन चुकी हैं, सवाल यह उठता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका दूरगामी असर क्या पड़ेगा।

यह ख़बर लिखे जाते समय यानी गुरुवार को पेट्रोल की कीमत मुंबई में 97.57 रुपए प्रति लीटर थी। यह इसी समय चेन्नई में 93.11 रुपए, कोलकाता में 91.35 रुपए और दिल्ली में 91.11 रुपए प्रति लीटर थी। इसी दौरान डीज़ल की कीमत मुंबई में 86.60 रुपए, चेन्नई में 86.45 रुपए, कोलकाता में 84.35 रुपए और दिल्ली में 81.47 रुपए प्रति लीटर हैं। ये सभी कीमतें अपने-अपने शहर में रिकॉर्ड स्तर पर हैं। इन कीमतों का बड़ा हिस्सा केंद्रीय उत्पाद कर व राज्य के मूल्य संवर्द्धित कर यानी वैट का है।