ऐसे समय जब पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं और केंद्र व राज्य सरकारों की कमाई का ज़रिया बन चुकी हैं, सवाल यह उठता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका दूरगामी असर क्या पड़ेगा। क्या यह कोरोना और लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था के लिए अड़चनें पैदा करेंगी? क्या बढ़े ईंधन मूल्यों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकलने में ज़्यादा समय लगेगा?