ऐसे समय जब पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं और केंद्र व राज्य सरकारों की कमाई का ज़रिया बन चुकी हैं, सवाल यह उठता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका दूरगामी असर क्या पड़ेगा।
जिस बात पर बीजेपी प्रवक्ता और संघ परिवार के लोग अचानक जोर देने लग़े हैं वह है पिछली यूपीए सरकारों द्वारा जारी ऑयल बॉन्ड की देनदारियाँ। और इस बात को आज ऐसे अन्दाज में बताया जा रहा है कि सरकार इन देनदारियों को सम्भालते सम्भालते परेशान है।
ऐसे समय जब पहले से ही पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं और दिल्ली जैसे कुछ शहरों में यह अब तक की रिकार्ड ऊंचाई पर है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उस पर कृषि अधिभार यानी सेस लगा दिया है।