जीएसटी परिषद की शुक्रवार को हुई बैठक में पेट्रोल व डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई सहमति नहीं बन पाई। इसका मतलब यह है कि फिलहाल ये उत्पाद मौजूदा प्रणाली में ही रहेंगे, यानी इन पर केंद्रीय उत्पाद कर व राज्यों का मूल्य संवर्धित कर यानी वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) लगता रहेगा।