उत्तर प्रदेश उन 11 राज्यों में से है, जहाँ बेरोज़गारी की दर दहाई अंक में है। यह आँकड़ा जनवरी-मार्च 2021 के लिए है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ ही महीने बचे हैं और राज्य सरकार विकास के लंबे-चौड़े दावे कर रही है।
जम्मू-कश्मीर में बेरोज़गारी की दर सबसे ज्यादा 17.6 रिकॉर्ड की गई। इसके बाद उत्तराखंड, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और हरियाणा हैं।
बेरोज़गारी दर
इस दौरान राष्ट्रीय औसत बेरोज़गारी दर 9.3 प्रतिशत है, जो कोरोना महामारी के पहले के औसत बेरोज़गारी दर 9.1 प्रतिशत से थोड़ी ही ज़्यादा है।
सरकारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2021 में बेरोज़गारी 11 राज्यों तो बहुत ही ज़्यादा थी, इसके बाद की तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के दौरान इसमें कोई कमी नहीं हुई। इन राज्यों में इस अवधि में भी बेरोज़गारी दर दहाई अंक में रही।
गुजरात में कम बेरोज़गारी
पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक़,13 राज्यों में महिलाओं में और 11 राज्यों में पुरुषों में बेरोज़गारी की दर दहाई अंक में है।
शहरी इलाक़ों में सबसे कम बेरोज़गारी दर गुजरात में 3.8 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 4.8 प्रतिशत दर्ज की गई।
कुल मिला कर बेरोज़गारी की दर जनवरी-मार्च 2021 में 9.4 प्रतिशत थी। इसके पहले की तिमाही में यह 10.3 प्रतिशत थी।
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफ़िस (एनएसओ) पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे करता है ताकि बेरोज़गारी का अनुमान लगाया जा सके।
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