वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है कि बीते दो महीने के कोरोना काल में केंद्र सरकार ने 3 करोड़ छोटे किसानों को कृषि क़र्ज़ दिए। कुल मिला कर 4 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा के क़र्ज़ दिए गए।
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वित्त मंत्री ने कहा कि
- 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच 63 लाख लोगों को क़र्ज़ दिए गए, यह रकम 86,600 करोड़ रुपए है।
- मार्च 2020 तक नाबार्ड के ज़रिए 29,500 करोड़ रुपए के क़र्ज़ दिए गए।
- ग्रामीण ढाँचागत विकास कोष से राज्यों को 4,200 करोड़ रुपए के क़र्ज़ दिए गए।
- किसानों से कृषि उत्पादों की ख़रीद के लिए राज्यों को 6,700 करोड़ रुपये की पूंजी का क़र्ज़ दिया गया।
- इस दौरान 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए, 25,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ की स्वीकृति दे दी गई है।
- किसानों से तीन महीने के ब्याज नहीं लेने का फ़ैसला किया गया था, इसे 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
मनरेगा
- मनरेगा पर सालाना खर्च 10,000 करोड़ रुपए।
- 2.33 करोड़ लोगों को काम दिया गया।
- 1 मई तक 14.62 करोड़ मानव दिवस काम का सृजन।
- 13 मई तक 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में
- मई में 40-50 प्रतिशत अधिक लोगों का पंजीकरण इस काम के लिए किया गया।
- मनरेगा के लिए औसत दिहाड़ी 182 रुपये से बढा कर 202 रुपए कर दी गई।
- राज्यों-केंद्र शासित क्षेत्रों को निर्देश दिया गया है कि वे वापस लौट रहे प्रवासी मज़दूरों को मनरेगा में काम दें।
- मनरेगा में बागवानी, प्लांटेशन, पशुपालन से जुड़े काम भी शामिल कर लिए गए हैं।
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