नए बजट में टैक्स दरों में भारी बदलाव किया गया है। 5 लाख से 15 तक की आय पर लगने वाला टैक्स पहले के मुक़ाबले कम कर दिया गया है। इससे लगता है कि करदाताओं को इससे काफ़ी लाभ होगा। लेकिन ऐसा है नहीं क्योंकि नई टैक्स दरों का फ़ायदा लेने के लिए सरकार ने एक शर्त रखी है। शर्त यह कि ये नए रेट तभी आप पर लागू होंगे जब आप स्टैंडर्ड डिडक्शन, मकान किराया भत्ते (एचआरए), घर के लिए लिये गये कर्ज़, पीएफ़, पीपीएफ़, एनएससी और दूसरी बचत स्कीमों में निवेश से मिलने वाली छूट और कटौतियों आदि को छोड़ दें। आपको मालूम होगा कि घर के लिए लिये गये लोन पर चुकाई गई क़िस्त का एक हिस्सा (ब्याज) सेक्शन 24 के तहत आपकी आय से निकाल दिया जाता है और दूसरे हिस्से (मूल धन) पर सेक्शन 80 सी के तहत छूट मिलती है। इसी तरह नैशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर अतिरिक्त 50 हज़ार की छूट है।