नए बजट में टैक्स दरों में भारी बदलाव किया गया है। 5 लाख से 15 तक की आय पर लगने वाला टैक्स पहले के मुक़ाबले कम कर दिया गया है। इससे लगता है कि करदाताओं को इससे काफ़ी लाभ होगा। लेकिन ऐसा है नहीं क्योंकि नई टैक्स दरों का फ़ायदा लेने के लिए सरकार ने एक शर्त रखी है। शर्त यह कि ये नए रेट तभी आप पर लागू होंगे जब आप स्टैंडर्ड डिडक्शन, मकान किराया भत्ते (एचआरए), घर के लिए लिये गये कर्ज़, पीएफ़, पीपीएफ़, एनएससी और दूसरी बचत स्कीमों में निवेश से मिलने वाली छूट और कटौतियों आदि को छोड़ दें। आपको मालूम होगा कि घर के लिए लिये गये लोन पर चुकाई गई क़िस्त का एक हिस्सा (ब्याज) सेक्शन 24 के तहत आपकी आय से निकाल दिया जाता है और दूसरे हिस्से (मूल धन) पर सेक्शन 80 सी के तहत छूट मिलती है। इसी तरह नैशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर अतिरिक्त 50 हज़ार की छूट है।
बजट 2020: नई टैक्स दरों से आपको पहले से ज़्यादा टैक्स देना पड़ सकता है
- अर्थतंत्र
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- 1 Feb, 2020

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नये इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की है। लेकिन इसमें सबसे ख़ास बात यह है कि पहले के इनकम टैक्स स्लैब ख़त्म नहीं किए गए हैं। यानी अब आयकरदाताओं के सामने दो विकल्प होंगे कि वे क्या चुनते हैं। तो नया टैक्स स्लैब कैसा होगा? इससे किसे मिल सकती है राहत और किसके लिए बेहतर रहेगा पहले वाला स्लैब?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश