आज से 71 साल पहले जब कट्टर हिंदूवादी नाथूराम गोडसे ने बिड़ला हाउस में 80 साल के एक कमज़ोर बूढ़े की छाती पर चार गोलियाँ दागी थीं तो वह जान रहा था कि ऐसा करके वह अपने लिए केवल बर्बादी चुन रहा है और लोगों से उसे घृणा के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। लेकिन फिर भी उसने ऐसा किया क्योंकि वह 'हिंदू धर्म से ग़द्दारी करने और मुसलमानों का पक्ष लेने वाले’ गाँधीजी से बदला लेना चाहता था।