शेयर बाज़ार लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। सेंसेक्स 72000 के भी पार जा चुका है तो निफ्टी भी 22000 के क़रीब पहुँच चुकी है। यह भले ही चकाचौंध वाली तस्वीर पेश करे, लेकिन क्या यह भारत की अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को बयाँ करती है? जिस मांग और आपूर्ति को अर्थव्यवस्था का मूल पैमाना माना जाता है, उस पैमाने पर क्या अर्थव्यवस्था की चमचमाती तस्वीर दिखती है?