ईरान-इज़राइल संघर्ष का सीधा मतलब है कि भारत में कच्चे तेल आयात पर असर पड़ेगा। संघर्ष बढ़ने पर तेल संकट की आशंका जताई जा रही है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से भारतीय शेयर बाजारों, सोने और कच्चे तेल की कीमतों पर काफी असर पड़ा है। इसके साथ ही भारत से ईरान को बासमती और चाय के निर्यात पर भी असर पड़ने की आशंका है। लेकिन अब आगे सबसे बड़ा असर कच्चे तेल के आयात पर हो सकता है।
ईरान-इज़राइल संघर्ष बढ़ने से भारत के तेल व्यापार पर पड़ेगा बुरा असर?
- अर्थतंत्र
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- 16 Apr, 2024
ईरान-इज़राइल संघर्ष बढ़ने की आशंका का असर भारत पर अभी से दिखने लगा है। तो क्या अधिकतर तेल ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहने वाले भारत के लिए स्थिति ख़राब होगी?

इसका देश पर क्या असर हो सकता है, इसको ऐसे समझा जा सकता है कि भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी 85 फीसदी से ज्यादा जरुरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बाद भारत के व्यापार संतुलन, विदेशी मुद्रा भंडार और रुपये के मूल्य पर भी असर पड़ेगा।