सऊदी अरब स्थित अरब अमेरिकन कंपनी (सऊदी अरैमको) के दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अब तक कच्चे तेल की क़ीमत 12 डॉलर प्रति बैरल बढ़ चुकी है। इसे अब तक की एक बार में हुई सबसे बढ़ी बढ़ोतरी माना जाता है। एक अध्ययन के मुताबिक़, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमत 1 डॉलर बढ़ने से भारत को सालाना 10,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ख़र्च करना होता है। इस हिसाब से यदि यह क़ीमत साल भर टिकी रह गई तो भारत को लगभग 1,28,400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। पहले से मंदी में चल रही अर्थव्यवस्था, रुपए के लगातार अवमूल्यन और गिरते निर्यात के बीच यह स्थिति भारत के लिए बेहद बुरी होगी। यह इसकी अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बड़ा चोट साबित हो सकता है।