देश में पीसी यानी पर्सनल कम्प्यूटर और लैपटॉप का जितना आयात जनवरी में हुआ उसका 90 फ़ीसदी तो 'मेड इन चीन' है। इससे एक महीने पहले यानी दिसंबर में यह 89 फीसदी था। नवंबर में यह 83 फ़ीसदी था। तो क्या भारत पर्सनल कम्प्यूटर और लैपटॉप के लिए पूरी तरह चीन से आयात पर निर्भर है? इससे भी बड़ा सवाल तो यह है कि पिछले कुछ वर्षों में बात-बात में चीन के सामान का बहिष्कार करने, हैशटैग चलाने और चीन को लाखों करोड़ डॉलर का नुक़सान पहुँचाने के दावे का क्या हुआ?
चीन से पीसी का आयात बढ़कर 90% हो गया; बहिष्कार का क्या हुआ?
- अर्थतंत्र
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- 8 Apr, 2024
बात-बात पर चीनी सामानों का बहिष्कार क्या फैशन है? आख़िर जिस चीन को लाल आँख दिखाने की बात होती है और चीन में बने सामान का बहिष्कार किया जाता है, वहीं से आयात क्यों बढ़ गया?

केंद्र द्वारा लगातार 'मेड इन इंडिया' का अभियान चलाए जाने के बाद भी चीन से आयात पर इतनी निर्भरता एक दूसरी ही कहानी कहती है। चीन के सामानों को लेकर सोशल मीडिया पर कैसे ट्रेंड चलाया जाता है और किस तरह एक माहौल बनाने की कोशिश होती है, उसकी चर्चा बाद में। पहले यह जान लें कि आख़िर कम्प्यूटर और लैपटॉप के आयात को लेकर ताज़ा रिपोर्ट क्या आई है।