बढ़ती महंगाई के बीच जीडीपी वृद्धि दर के आँकड़े चिंतित करने वाले हैं। चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर तीसरी तिमाही से कम हो गयी है। पूरे वित्त वर्ष की जीडीपी का जो आँकड़ा आया है वह भी पहले के अनुमान से कम है। सरकार के लिए भी यह दोहरे झटके से कम नहीं है जहाँ महंगाई तो रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रही है और जीडीपी वृद्धि दर कम होती हुई दिख रही है।
चौथी तिमाही में जीडीपी दर घटकर 4.1% हुई, पूरे वित्त वर्ष में 8.7%
- अर्थतंत्र
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- 31 May, 2022
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी दर अब तक अनुमानों में आ रही थी लेकिन अब वास्तविक आँकड़े आ गए हैं। जानिए, कितना विकास हुआ।

सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी दर के आँकड़े जारी किए हैं। इसने कहा है कि बीते वित्त वर्ष में जीडीपी 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जबकि जनवरी-मार्च तिमाही यानी चौथी तिमाही के लिए जीडीपी दर 4.1 प्रतिशत रही। इस आँकड़े को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किया गया। चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होती हुई दिखती है क्योंकि इससे पहले वाली यानी दिसंबर 2021 में समाप्त हुई तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.4 रही थी। दूसरी तिमाही में यह 8.5% और पहली तिमाही में 20.3% रही थी।