वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस दिन यह ज़ोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था बिल्कुल ठीक है और सरकार की नीतियों और फ़ैसलों से समाज के बड़े तबके को फ़ायदा मिला है, उसके अगले ही दिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में कटौती कर दी है।आईएमएफ़ ने 2019 के अनुमानित जीडीपी में 1.2 प्रतिशत अंक की कटौती कर इसे 6.1 प्रतिशत कर दिया है। कोष ने इसके अगले साल यानी 2020 के लिए इससे ज़्यादा यानी 7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।