सरकार अब सरकारी कर्मचारियों की तरह ही अन्य सभी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि यानी पीएफ में कर-मुक्त योगदान की सीमा को दोगुना कर सकती है। फ़िलहाल, सरकारी कर्मचारियों को अधिकतम 5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक योगदान पर कर मुक्त होने का लाभ मिलता है और निजी क्षेत्र में काम करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है।
निजी कर्मचारियों के लिए भी कर मुक्त पीएफ़ सीमा 5 लाख करने की तैयारी!
- अर्थतंत्र
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- 22 Jan, 2022
सरकार क्या सभी कर्मचारियों के लिए कर मुक्त पीएफ़ की सीमा को 5 लाख रुपये तक कर देगी? जानिए, अभी सरकारी कर्मचारियों को ही इसका लाभ क्यों मिलता है।

केंद्रीय बजट 2021-22 में वित्त मंत्री ने कर-मुक्त ब्याज आय का लाभ उठाने के लिए कर-मुक्त वार्षिक पीएफ योगदान को 2.5 लाख रुपये तक सीमित करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में ऐसे फंडों के लिए इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था जहाँ नियोक्ता ने योगदान नहीं दिया हो। आम तौर पर सरकारी कर्मचारियों के पीएफ़ फंड में नियोक्ता का योगदान नहीं होता है जबकि निजी कर्मचारियों के पीएफ़ में आधा कर्मचारी के हिस्से से और आधा नियोक्ता कंपनी के हिस्से का योगदान आता है।