भारत के घरेलू शेयर बाजार में ऐसा क्या हुआ कि विदेशी निवेशकों का एकदम से मोह भंग सा हो गया? 2024 में एफ़पीआई यानी विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के माध्यम से सिर्फ 1600 करोड़ रुपये आए। पिछले साल यह 1.71 लाख करोड़ था। यानी 99 फीसदी की गिरावट आ गई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को अचानक ऐसा क्या हो गया कि घरेलू शेयर बाजार में 2024 में वे पैसे लगाने के लिए तैयार नहीं थे?
भारत के शेयर बाजार में विदेशी निवेश पिछले साल से 99% कम कैसे हुआ?
- अर्थतंत्र
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- 30 Dec, 2024
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को अचानक ऐसा क्या हो गया कि 2024 में घरेलू शेयर बाजार में वे पैसे लगाने के लिए तैयार नहीं थे?

इन वजहों को जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई के निवेश को लेकर क्या आँकड़ा आया है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल के अनुसार, 27 दिसंबर 2024 तक एफपीआई ने भारतीय इक्विटी में शुद्ध रूप से 1656 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि विदेशी निवेशक शेयर बाजार में प्रमुख रूप से विक्रेता रहे, लेकिन वे प्राथमिक बाजार में खरीदार बने रहे।