भारत के संवैधानिक, क़ानूनी और सरकारी ढाँचे को जानने-समझने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं कि सीबीआई, सीवीसी और सीएजी जैसी शीर्ष संस्थाएँ केन्द्र सरकार के इशारे पर ही काम करती हैं। इनकी निष्पक्षता और स्वायत्तता ‘हाथी के दिखाने वाले दाँत’ की तरह ही रही हैं। इसलिए भी इन्हें केन्द्र सरकार के ‘दबंग सरकारी लठैतों’ की तरह देखा जाता रहा है। सरकारी दबंगों की इस बिरादरी में ही पुलिस के अलावा आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का नाम भी शुमार रहा है।