सरकारें जब जनता के आक्रोश से डरने लगती हैं तब तरह-तरह के भ्रम फैलाती हैं। इन्हें अब साफ़ दिख रहा है कि कोरोना संकट से जुड़ी उसकी रणनीतियाँ औंधे मुँह गिर चुकी हैं। समाज के विशाल तबक़े तक सरकारी दावों और इरादों का ज़मीनी सच बेपर्दा होकर पहुँच रहा है। उधर, सरकारी नाकामियों पर पर्दा डालकर जनता को बरगलाने के लिए वित्तमंत्री जैसे सर्वोच्च स्तर से आये दिन नये-नये भ्रम फैलाये जा रहे हैं।