देश के 108 बड़े अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक आँकड़ों के साथ जान बूझ कर की जा रही छेड़छाड़ पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आँकड़े इकट्ठा करने वाली संस्थानों की स्वायत्तता ख़त्म की जा रही है और उन पर दबाव डाल कर मनमाफ़िक आँकड़े और नतीजे जारी करवाए जा रहे हैं।