ज़िहादी आतंकवाद के बाद क्या अब दुनिया को श्वेत नस्लवाद का ख़तरा भी लंबे समय तक सताएगा? न्यूज़ीलैंड में मसजिदों पर किया गया हमला कम से कम इसी ओर इशारा करता है। हमलावरों की नमाज़ पढ़ने वालों से किसी तरीक़े की कोई दुश्मनी नहीं थी, फिर भी उनको निशाना बनाया गया। इस हमले में क़रीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्ज़नों लोग घायल हैं।