ज़िहादी आतंकवाद के बाद क्या अब दुनिया को श्वेत नस्लवाद का ख़तरा भी लंबे समय तक सताएगा? न्यूज़ीलैंड में मसजिदों पर किया गया हमला कम से कम इसी ओर इशारा करता है। हमलावरों की नमाज़ पढ़ने वालों से किसी तरीक़े की कोई दुश्मनी नहीं थी, फिर भी उनको निशाना बनाया गया। इस हमले में क़रीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्ज़नों लोग घायल हैं।
श्वेत नस्लवाद: न्यूज़ीलैंड मसजिद में लाशें बिछाते गये, लाइव वीडियो दिखाते रहे
- दुनिया
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- 15 Mar, 2019
न्यूज़ीलैंड मसजिद के हमलावर ने हमले की लाइव स्ट्रीमिंग सोशल मीडिया पर दिखायी। एक हमलावर ने इस शूटिंग को सोशल मीडिया पर क़रीब 17 मिनट तक लाइव किया।

इस हमले का सबसे क्रूर और पीड़ादायक पहलू यह है कि आतंकवाद के इतिहास में शायद यह पहला ऐसा वाक़या था जब हमलावर गोलियों से लोगों को भून रहे थे और इसकी लगातार लाइव स्ट्रीमिंग भी कर रहे थे। यानी वह इंटरनेट के ज़रिये दुनिया को यह दिखा रहे थे कि वे क्या कर रहे थे। यह ख़ौफनाक घटना न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च में घटी है।
एक हमलावर ने इस शूटिंग को सोशल मीडिया पर क़रीब 17 मिनट तक लाइव किया। इसमें हमलावर ने ख़ुद को कार से निकलने से लेकर मसजिद में घुसने, अंधाधुंध फ़ायरिंग कर लोगों की हत्या करने और लोगों के चीखने-चिल्लाने तक को लाइव किया।