खुश रहिए या खुश रहो! भारत में बरसों से बुजुर्ग यह आशीर्वाद देते आ रहे हैं। अब कौन कैसे खुश रहेगा या रहेगी यह बड़ा मसला है। इतना बड़ा कि संयुक्त राष्ट्र को हिसाब जोड़ना पड़ रहा है कि दुनिया के किस देश में खुशी सबसे ज़्यादा और कहाँ सबसे कम है। इस साल की प्रसन्नता का हाल देनेवाली वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट तो आज दोपहर में जारी होगी यानी भारत में शाम तक सामने आएगी, क्योंकि आज इंटरनेशल डे ऑफ हैप्पीनेस या अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस है। मगर पिछले तीन साल से इस रिपोर्ट में भारत धीरे-धीरे तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ता दिख रहा है। 2020 में 144वें स्थान से भारत 2021 में 139वें और पिछले साल यानी 2022 की रिपोर्ट में 136 वें स्थान पर पहुंचा था।