सरकारी कंपनियों का आँकड़ा ही बताता है कि इन कंपनियों में सरकारी नौकरियाँ लाखों की तादाद में कम हुई हैं। इससे जुड़े एक सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों यानी सीपीएसई में सरकारी नौकरियों में क़रीब पौने तीन लाख की कमी आई है। हालाँकि, अनुबंध वाले रोजगार में वृद्धि हुई है। यानी कहा जा सकता है कि स्थायी कर्मचारियों की जगह अनुबंध वाले कर्मचारियों को रखा जा रहा है।
सरकारी कंपनियों में एक दशक में पौने तीन लाख नौकरियाँ कैसे कम हो गईं?
- अर्थतंत्र
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- 16 Jun, 2023
चुनाव को देखते हुए सरकार भले ही नियुक्ति पत्र बाँटने का कार्यक्रम कर रही हो, लेकिन सरकारी नौकरियों की वास्तविक स्थिति क्या है, यह सरकारी कंपनियों के आए आँकड़ों से पता चल जाता है।

सरकारी उद्यमों में सरकारी कमर्चारियों का ये आँकड़ा 2012-13 से 2021-22 तक के सार्वजनिक उद्यम सर्वेक्षण रिपोर्ट के विश्लेषण से सामने आया है। सर्वेक्षण के वर्तमान दौर में 389 सीपीएसई शामिल हैं, जिनमें से 248 चालू हैं। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार सीपीएसई, उन वैधानिक कॉर्पोरेशन और इन कंपनियों की सहायक कंपनियों को कवर करने वाला सर्वेक्षण है जो सरकारी हैं यानी जिसमें केंद्र सरकार की भागीदारी 50% से अधिक है।