लॉकडाउन के बाद बेरोज़गारी दर काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। 30 मार्च से 5 अप्रैल के दौरान यानी छह दिन में बेरोज़गारी दर बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गई है। जबकि पूरे मार्च महीने में यह दर 8.7 फ़ीसदी थी। मार्च का यह आँकड़ा 43 महीनों में सबसे ज़्यादा था। ये आँकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी यानी सीएमआईई ने जारी किए हैं। बता दें कि बेरोज़गारी दर का आँकड़ा जुलाई 2017 से लगातार बढ़ता ही रहा है तब यह दर सिर्फ़ 3.4 फ़ीसदी थी।
लॉकडाउन: 6 दिन में बेरोज़गारी दर 8.7 से बढ़कर 23.4 फ़ीसदी हो गई
- अर्थतंत्र
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- सत्य ब्यूरो
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- 8 Apr, 2020
लॉकडाउन के बाद बेरोज़गारी दर काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। 30 मार्च से 5 अप्रैल के दौरान यानी छह दिन में बेरोज़गारी दर बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गई है।

सीएमआईई के अनुसार, मार्च महीने से पहले फ़रवरी में बेरोज़गारी की यह दर 7.7 फ़ीसदी और जनवरी में यह 7.1 फ़ीसदी रही थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि श्रम भागीदारी दर 36 प्रतिशत तक गिर गई है। फ़रवरी में श्रम भागीदारी दर 42.6 प्रतिशत और पिछले साल मार्च में 42.7 प्रतिशत थी। बता दें कि 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से मज़दूरों की उपलब्धता काफ़ी कम हो गई है और इसलिए इनकी भागीदारी गिर गई है।