लोकसभा चुनाव के बीच ही मोदी सरकार के लिए बेरोज़गारी के मामले में एक और बुरी ख़बर आयी है। अर्थव्यवस्था पर नज़र रखने वाली संस्था सीएमआईई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के पहले तीन हफ़्ते में बेरोज़गारी दर औसत रूप में 8.1 फ़ीसदी तक पहुँच गयी है। इससे पहले मार्च में यह आँकड़ा 6.7 और फ़रवरी में 7.2 फ़ीसदी रहा था। बता दें कि एनएसएसओ की रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में बेरोज़गारी दर 6.1 फ़ीसदी रही थी और यह 45 साल में सबसे ज़्यादा थी। हालाँकि इस रिपोर्ट को सरकार ने जारी नहीं किया है और यह रिपोर्ट मीडिया में लीक हुई है। मोदी सरकार नहीं चाहती थी कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बेरोज़गारी की ऐसी ख़राब तसवीर सामने आये। इसीलिए वह एनएसएसओ यानी नेशनल सैंपल सर्वे ऑफ़िस की यह रिपोर्ट जारी नहीं करना चाहती थी। इसी कारण नेशनल स्टटिस्टिक्स कमीशन के कार्यवाहक अध्यक्ष सहित दो सदस्यों ने इस्तीफ़ा दे दिया था।
बेरोज़गारी दर 8% के पार, क्या ऐसे ही बढ़ते रहेंगे बेरोज़गार?
- अर्थतंत्र
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- 25 Apr, 2019
लोकसभा चुनाव के बीच ही मोदी सरकार के लिए बेरोज़गारी के मामले में एक और बुरी ख़बर आयी है। सीएमआईई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के पहले तीन हफ़्ते में बेरोज़गारी दर औसत रूप में 8.1 फ़ीसदी पहुँच गयी है।
