संसद में 2024-25 का आम बजट पेश किए हुए दस दिन बीतने वाले हैं लेकिन इसकी उपलब्धियों के बखान का सिलसिला अभी रुका नहीं है। मीडिया की चर्चाओं के बाद बजट जब कार्पोरेट विमर्श में पहुंचा है तो वित्तीय घाटा कम करने को सबसे बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है। बहुत से उद्योगपतियों और कुछ अर्थशास्त्रियों ने इसे लेकर तमाम कसीदे भी काढ़े हैं।

केंद्र की मोदी सरकार और चंद अर्थशास्त्री बजट 2024 की तारीफ में अभी तक डूबे हुए हैं। वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार हरजिंदर ने इस मौके पर पिछली सरकारों के बजट को याद किया है। जानिए उनका आकलनः