सरकार के लिए कम से कम एक डर तो अब खत्म हो गया है। अब यह आशंका नहीं है कि 1 फ़रवरी को जब निर्मला सीतारमण वर्ष 2021-22 का बजट लोकसभा में पेश कर रही होंगी तो किसान दिल्ली में प्रदर्शन के लिए आने और संसद तक पहुँचने के लिए संघर्ष कर रहे होंगे। लेकिन यह भी तय है कि सबका ध्यान इस ओर रहेगा कि इस बजट में किसानों को या कृषि क्षेत्र को क्या मिला?