बजट भाषण में वित्त मंत्री जो कहते हैं कई बार उससे महत्वपूर्ण वह हो जाता है जो वे नहीं कहते हैं। इस बार निर्मला सीतारमण ने जिन मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी बजट के वे हिस्से हैरान करने वाले हैं।