अडानी को एक और इंटरनेशनल झटका लगने जा रहा है। S&P डाउ जोंस ने कहा है कि वह अडानी समूह की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज को 7 फरवरी से अपने इंडेक्स से हटा देगा। डाउजोंस ने तमाम मीडिया विश्लेषण और हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद पहली बार यह घोषणा की है। भारत में स्टॉक एक्सचेंज और आरबीआई की घोषणा के बाद माना जा रहा था कि तमाम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अडानी ग्रुप के कामकाज पर रोक लग जाएगी। भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई ने अडानी समूह की तीन कंपनियों को निगरानी में डाल दिया है। ये हैं - अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अंबुजा सीमेंट्स।
इस बीच दुनिया के अमीरों की लिस्ट से अडानी समूह साफ हो गया है। गौतम अडानी अब दुनिया के टॉप 20 अमीरों में की सूची में नहीं हैं। किसी समय वो तीसरे नंबर पर थे।
द टेलीग्राफ ने बताया है कि एस एंड पी डॉउ जोन्स इंडेक्स ने एक बयान में कहा, अडानी एंटरप्राइजेज को मीडिया और स्टेकहोल्डर विश्लेषण के बाद डॉउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से 7 फरवरी को हटा दिया जाएगा। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर लगातार गिर रहे थे। शुक्रवार सुबह के कारोबार में अडानी ग्रुप के शेयर बीएसई पर 15 प्रतिशत कम कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को 26 प्रतिशत और बुधवार को 28 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई थी। अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध फर्मों को पिछले छह कारोबारी सत्रों में 8.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक के संयुक्त नुकसान का सामना करना पड़ा है। बुधवार को अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि वो अपने 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को वापस ले रहा है। निवेशकों को पैसे लौटाए जाएंगे।
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह पर धोखाधड़ी, लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेराफेरी सहित कई आरोपों के बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट आई है।
हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह एक स्टॉक में खुलेआम हेरफेर करने और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल था। हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह भारत को व्यवस्थित तरीके से लूट रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च के इस आरोप पर अडानी समूह ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण, निराधार, एकतरफा और उनके शेयर बिक्री को बर्बाद करने के इरादे ऐसा आरोप लगाया गया है। इसने कहा है कि अडानी समूह आईपीओ की तरह ही फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफ़र यानी एफ़पीओ ला रहा है और इस वजह से एक साज़िश के तहत कंपनी को बदनाम किया जा रहा है।
हालांकि बाद में अडानी ने वो एफपीओ भी वापस ले लिया। अडानी के शेयर उसके बाद लगातार गिर रहे हैं। कई शेयर में लोअर सर्किट लग चुका है। अभी तक समूह को कई अरब रुपये का नुकसान हो चुका है। गौतम अडानी अमीरों की सूची में लगातार लुढ़कते जा रहे हैं।
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