मानसून के बादलों से भले ही देश में भयावह जल संकट की स्थिति फ़िलहाल ढँक गयी हो, लेकिन दुनिया में 13 सबसे बदतर देशों में भारत पूरी तरह उघड़ गया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इसका ख़ुलासा हुआ है। जल संकट की गंभीरता का अंदाज़ा इससे भी होता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल क़िले से अपने भाषण में गंभीर जल संकट की ओर इशारा किया और पानी का 23 बार ज़िक्र किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के लिए 3.35 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की। लेकिन क्या इससे सब ठीक हो जाएगा?
लाल क़िले से पीएम के भाषण से क्या ख़त्म हो जाएगा जल संकट?
- देश
- |
- |
- 16 Aug, 2019

पिछले महीने पूरा देश पानी की कमी से जूझ रहा था। देश के अधिकतर हिस्सों में मानसून की बारिश शुरू हो गयी और अब पानी की समस्या पर उस तरह की चर्चा नहीं की जा रही है। क्या मानसून की आड़ में छुपना ही समाधान है?
पिछले महीने पूरा देश पानी की किल्लत से जूझ रहा था। चेन्नई में पानी के संकट से सम्बंधित समाचार लगातार प्रकाशित होते रहे। प्रधानमंत्री भी पानी की कमी पर चर्चा करते रहे और हवाई योजनाएँ बनाते रहे। इसके बाद देश के अधिकतर हिस्सों में मानसून की बारिश शुरू हो गयी और अब पानी की समस्या पर वैसी चर्चा नहीं की जा रही है। अगले वर्ष यह समस्या फिर उठ खड़ी होगी तब फिर कुछ समय के लिए चर्चा होगी। हमारे देश में समस्याओं का ऐसे ही समाधान होता है।