सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण पर मुहर लगाते हुए 50 फ़ीसदी आरक्षण सीमा पर अपना रुख बदलने का संकेत दिया है। यह सुप्रीम कोर्ट के ही अपने पहले के फ़ैसले से अहम बदलाव होगा!
EWS: 50% आरक्षण सीमा पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कैसे बदला?
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- 7 Nov, 2022
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ जब आज ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर फ़ैसला दे रही थी तो इसने 50 फ़ीसदी आरक्षण सीमा को लेकर अपने ही पुराने फ़ैसले पर राय क्यों बदली?

सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ में 1993 के अपने ऐतिहासिक फ़ैसले में कहा था कि आरक्षित सीटों, पदों की कुल संख्या उपलब्ध सीटों या पदों के 50% से अधिक नहीं हो सकती है। इसके साथ ही इसने यह भी कहा था कि आरक्षण की संवैधानिक प्रावधान के तहत अकेले आर्थिक पिछड़ापन एक मानदंड नहीं हो सकता। 1991 का वह फ़ैसला ऐतिहासक था और लेकिन सोमवार को उस ऐतिहासिक फ़ैसले के ख़िलाफ़ से इतर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अलग रुख अख़्तियार किया।