बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच मैनपुरी और रामपुर के उपचुनाव में जोरदार सियासी लड़ाई होने जा रही है। मैनपुरी लोकसभा और रामपुर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और इसके नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई है। जबकि रामपुर सीट समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के चलते खाली हुई है।
मैनपुरी-रामपुर: बीजेपी-सपा में होगा जोरदार चुनावी दंगल
- उत्तर प्रदेश
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- 7 Nov, 2022
आजमगढ़, रामपुर और गोला गोकर्णनाथ में बीजेपी चुनाव जीत चुकी है। क्या सपा मैनपुरी और रामपुर में उसकी इस जीत के काफिले को रोक पाएगी?

मैनपुरी लोकसभा सीट पर दशकों से समाजवादी पार्टी का कब्जा है। 1996 में मुलायम सिंह यादव पहली बार मैनपुरी से सांसद बने और उसके बाद भी कई बार यहां से चुनाव जीते।
बीजेपी ने एलान किया है कि वह मैनपुरी और रामपुर सीट पर पूरी ताकत के साथ चुनावी लड़ाई लड़ेगी। क्योंकि यह दोनों सीटें सपा के कब्जे वाली हैं इसलिए सपा इन सीटों पर जीत हासिल करने को लेकर दबाव में है। मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के बड़े नेता भी थे इसलिए सपा को इस सीट पर सहानुभूति के वोट भी मिलेंगे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि सपा मैनपुरी सीट पर किसे उम्मीदवार बनाएगी।